ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली/अमृतसर : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के इस बयान के बाद कि केंद्र की सत्ता में राजग के आने पर भाजपा नेता अरुण जेटली को उप प्रधानमंत्री का पद दिया जा सकता है, जेटली शनिवार को बादल के बयान को ज्यादा तवज्जो न देते हुए नजर आए।
जेटली ने एक समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में कहा, `अकाली दल और भाजपा के संबंध मधुर हैं। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। इस तरह के बयान चुनाव-प्रचार के दौरान दिए गए हैं।` जबकि भाजपा के प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बादल ने केवल अपनी राय जाहिर की है।
नकवी ने कहा, `बादलजी एक वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने कोई फैसला नहीं सुनाया है।`
उधर, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बादल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, `पहली मोदी को पीएम बन जाने दीजिए, उसके बाद हम उप प्रधानमंत्री के बारे में बात करेंगे।`
गौरतलतब है कि पंजाब के अटारी में शुक्रवार को भाजपा नेता अरुण जेटली की पहली रैली थी। मंच से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने जनता के सामने अरुण जेटली का परिचय भावी उप-प्रधानमंत्री के रूप में करवाया। बादल ने कहा, अगर आपने इन्हें जिताकर सत्ता में लाएंगे तो यह उप-प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री बन सकते हैं।
बादल के इस बयान के बाद एक बार फिर भाजपा में नाराजगी का दौर शुरू हो सकता है। यह तय है कि यदि केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है तो जेटली को कोई बड़ी जिम्मेदारी जरूर मिल सकती है।
बादल के बयान के बाद पहली प्रतिक्रिया में शिवसेना ने कहा कि अरुण जेटली के नाम पर आपत्ति नहीं है लेकिन सुषमा स्वराज का नाम क्यों नहीं लिया जा रहा? शिवसेना प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए पहले से ही सुषमा का पक्ष लेती आई है।
समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, सरकार बनने से पहले ही विभागों का बंटवारा हो गया।
First Published: Saturday, March 22, 2014, 14:00