नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस-भाजपा के बीच टकराव बढ़ा

नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस-भाजपा के बीच टकराव बढ़ा  नई दिल्ली : कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव शुक्रवार को उस समय बढ़ा जब सरकार ने कहा कि वह ‘कामचलाऊ सरकार’’ नहीं है और अंतिम दिन तक निर्णय लेती रहेगी जबकि भाजपा ने ‘अंतिम दिनों वाली सरकार’ द्वारा सीआईसी और लोकपाल तथा स्नूपगेट जांच के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति सहित शीर्ष पदों पर नियुक्तियों पर आपत्ति जताई है।

केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रवक्ता आंनद शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम कामचलाऊ सरकार नहीं हैं। एक जिम्मेदार सरकार के नाते हम अंतिम दिन तक काम करते रहेंगे।’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को नियुक्तियां करने का पूरा अधिकार है।

उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि आखिर भाजपा को लोकपाल की नियुक्ति पर क्या आपत्ति हो सकती है क्योंकि फैसला सामूहिक होना है जिसमें विचार-विमर्श की प्रक्रिया में विपक्ष भी शामिल है।

नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के सरकार के प्रयास पर भाजपा की आपत्ति के बारे में शर्मा ने कहा कि यह खास आश्वस्त करने वाला नहीं है और आश्चर्य जताया कि क्या भाजपा इसलिए इसका विरोध कर रही है क्योंकि वह ‘जोड़तोड़ और नियंत्रण‘ चाहती है और इस पद पर ऐसे व्यक्ति को चाहती है जो जनरल वी के सिंह की सोच का हो। सिंह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।

शर्मा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी नियुक्ति का विरोध करेगी। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने स्नूपगेट की जांच के मुद्दे पर भाजपा नेता अरुण जेटली द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जेटली का बयान अग्रिम चेतावनी है कि आने वाली चीजें किस तरह की होगी।

उन्होंने कहा कि जेटली की टिप्पणी सचमुच में बहुत डराने वाली और वास्तव में धमकाने वाली है और यह इस तरह का आभास दे रहा है कि जजों में से कौन है जो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के खिलाफ इस तरह की जांच के लिए आगे आ सकता है।

शर्मा ने कहा कि वह जेटली से कुछ बेहतर की उम्मीद नहीं करते। वह नरेन्द्र मोदी के जानेमाने पक्ष समर्थक हैं। यह कह कर वह वस्तुत: डरा रहे हैं कि कौन जज जांच करने के लिए तैयार होंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 2, 2014, 22:46
First Published: Friday, May 2, 2014, 22:46
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