कैबिनेट ने की 15वीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश

नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 15वीं लोकसभा को भंग करने की आज सिफारिश की। आजाद भारत के इतिहास में इस लोकसभा के सत्र सबसे अधिक बाधित रहे और काफी समय बर्बाद गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की अंतिम बैठक में तय किया गया कि लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की जाए। 16वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम कल ही आये हैं और भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल गया है जबकि राजग 300 के आंकडे को पार कर गया है। इस सिफारिश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सुपुर्द किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने बाद में कहा कि अगली लोकसभा के गठन की प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा नवनिर्वाचित सदस्यों के बारे में अधिसूचना भेजने के बाद शुरू होगी। उन्होंने कहा कि एक बार राष्ट्रपति को आयोग से निर्वाचित सदस्यों की सूची मिल जाए तो वह फिर उचित कार्रवाई करेंगे। आजाद भारत के इतिहास में 15वीं लोकसभा के सत्र सबसे अधिक बाधित रहे और काफी समय बर्बाद हुआ। सदन में कालीमिर्च का स्प्रे छिडका गया। घोटालों और भ्रष्टाचार को लेकर हंगामा हुआ। कोल ब्लाक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग भी हुई।

तेलंगाना को लेकर सदन में भारी हंगामा हुआ। सीमांध्र क्षेत्र के 16 सांसदों को निलंबित किया गया। तेलंगाना समर्थक और विरोधी अकसर सदन में आमने सामने होते और फिर हंगामा शुरू हो जाता। तेलंगाना गठन का ऐतिहासिक विधेयक पिछले सत्र के अंतिम सप्ताह में पारित हुआ हालांकि इसे लेकर काफी विवाद भी रहा। चारा घोटाले में दोषी पाये जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू सांसद जगदीश शर्मा को अयोग्य करार दिया गया। 15वीं लोकसभा ने तीन महिलाओं को शीर्ष पद पर देखा। सत्ताधारी गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं तो लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज थीं।

(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 17, 2014, 22:13
First Published: Saturday, May 17, 2014, 22:13
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