नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में मायावती की बसपा और तमिलनाडु की द्रमुक ने अच्छी खासी संख्या में वोट हासिल किए लेकिन इसे सीटों पर जीत के रूप में परिवर्तित करने में विफल रहे जबकि कई दलों ने अपेक्षाकृत कम वोट प्राप्त की सीटों पर जीत हासिल की।
गठबंधन के दौर में भाजपा ने अपने दम पर बहुमत हासिल कर असंभव को संभव कर दिखाया और 25 लंबे वर्षों के बाद देश पर एक पार्टी का शासन होगा। कांग्रेस के बाद भाजपा ऐसी दूसरी पार्टी बन गई, जिसने अपने बूते बहुमत हासिल किया।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कुल पड़े मतों में से भाजपा की वोट हिस्सेदारी करीब 31 प्रतिशत रही और पार्टी को करीब 17.16 करोड़ मत प्राप्त हुए। पार्टी ने इन चुनाव में 282 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा का प्रदर्शन इतना दमदार रहा कि गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली में पूरी की पूरी सीटें भाजपा की झोली में गईं। कांग्रेस पार्टी केवल 44 सीट ही जीत पायी और पार्टी को 19.3 प्रतिशत मतों के साथ 10.7 करोड़ मत प्राप्त हुए।
इस बार बसपा हालांकि अपना खाता अभी तक नहीं खोल पाई है। उसकी वोट हिस्सेदारी 4.4 प्रतिशत है और उसे 2.3 करोड़ वोट प्राप्त हुए। बसपा के 34 उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। समाजवादी पार्टी को 3.4 प्रतिशत वोट मिले और मुलायम सिंह की पार्टी केवल पांच सीट ही जीत पाई। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 34 सीटें जीतीं और पार्टी को 3.8 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 17, 2014, 16:44