
जालंधर : कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तथा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दलित विरोधी करार दिया है और कहा कि दोनों ने अपने-अपने प्रदेशों में दलितों की अनदेखी की है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तथा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल दोनों ही खुद को दलितों का हितैषी मानते हैं लेकिन यही दोनों दलितों के सबसे बडे शत्रु हैं। अगर दोनों दलित विरोधी नहीं होते तो वह अपने अपने प्रदेशों में दलितों की अनदेखी नहीं करते।’
नरेंद्र मोदी की 2007 में प्रकाशित पुस्तक ‘कर्मयोगी’ का हवाला देते हुए सूरजेवाला ने कहा कि मोदी ने उसमें दलितों खासकर वाल्मीकि समुदाय के बारे में लिखा है, ‘मैं नहीं मानता कि वे रोजी रोटी के लिए सिर पर मैला ढोते हैं। यदि ऐसा होता तो वह पीढ़ी दर पीढ़ी इस तरह काम जारी नहीं रखते। मुझे लगता है कि सदियों से मैला ढोने का यह काम उनके लिए अनजाने में ही सही लेकिन एक आध्यात्मिक अनुभूति के समान है।’ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर ऐसा है तो मोदी भी सिर पर मैला ढोकर इस आध्यात्मिक अनुभूति की प्राप्ति क्यों नहीं करते हैं।’
सूरजेवाला ने दावा किया, ‘मोदी और बादल दोनों दलित विरोधी हैं। आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में दलितों के लिए लगभग 40 हजार पद और गुजरात में दलितों तथा आदिवासियों के लिए लगभग 28 हजार पद आज भी रिक्त है। इन पर भर्तियां नहीं हो पायी है। यह दोनों सरकारों की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। गुजरात के अहमदाबाद में 3125 दलित बच्चों को तो आज तक छात्रवृत्ति नहीं दी जा सकी है।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने दोनों सरकारों पर आरोप लगाया, ‘पंजाब में 33 फीसदी दलित हैं लेकिन दलित कल्याण योजनाओं पर बजट आवंटन का केवल 12 फीसदी खर्च होता है। बादल सरकार 27 फीसदी से अधिक धन आवंटन करने और खर्च करने का दावा करती है लेकिन अधिकतर धन दूसरी योजनाओं में डायवर्ट कर दिया जाता है। गुजरात में दलितों की आबादी 14 फीसदी है और वहां बजट में साढे पांच फीसदी से कम धन दलित योजनाओं के लिए आवंटित किया जाता है।’
उन्होंने प्रदेश की शिअद भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि दलितों के आवंटित पैसा खर्च नहीं हो पाया है और वह लैप्स हो जाता है। केंद्र सरकार के अनुसूचित जाति उप योजना के अध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को पिछले साल सात में इसका बैठक लेने की एक बार भी फुर्सत नहीं मिली। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 23, 2014, 19:34