
बागपत : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को केन्द्र की मौजूदा कांग्रेस नीत सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नारे के बरक्स ‘मर जवान-मर किसान’ का नारा अपनाने और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह पर सत्तासुख के लिए अपने पिता चौधरी चरण सिंह के बताए रास्ते से हटने का आरोप लगाया और उन पर जमकर हमले किए।
मोदी ने यहां एक चुनावी जनसभा में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था लेकिन आज देश के जवान और किसान बदहाल हैं। कांग्रेस के राज में सीमाओं पर जितने जवान शहीद हुए हैं, उससे ज्यादा तो किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
उन्होंने आरोप लगाया ‘कांग्रेस ने जवानों के जीवन को असुरक्षित कर दिया है और पूरी सेना का मनोबल गिरा हुआ है। क्या यह है तुम्हारा जय जवान, जय किसान... आज तो दिल्ली में बैठी सरकार का एक ही मंत्र है- मर जवान, मर किसान। जवान मरे तो उनको पीड़ा नहीं, किसान मरे तो परवाह नहीं।’
किसानों के मसीहा कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि बागपत से चुनाव लड़ रहे उनके बेटे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह पर करारा हमला बोलते हुए मोदी ने कहा ‘जो बेटा सत्ता सुख के लिए अपने पिता को परेशान करने वाले लोगों की गोद में जाकर बैठ गया क्या आप उस पर भरोसा करेंगे। बागपत को हवाई नेता नहीं, धरती का नेता चाहिए।’ उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह कांग्रेस की रीति नीति से तंग आकर उसके खिलाफ खड़े हो गए थे। हम चौधरी चरण सिंह का आदर करते हैं लेकिन उन्हीं के बेटे ने उनका रास्ता छोड़ दिया। कोई बेटा अपने बाप का रास्ता छोड़ देता है तो समाज उसे स्वीकार नहीं करता।
किसान पट्टी’ में काश्तकारों की नब्ज पर हाथ रखते हुए उन्होंने कहा ‘ये किसानों को कौन बरबाद कर गया। जो किसान पेट भरता था उसका पेट नहीं भर रहा, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्या ऐसी सरकार को एक दिन भी रहने का अधिकार है।
मोदी ने कहा कि सेना के जवान ‘वन रैंक वन पेंशन’ के लिए कितने सालों से लड़ते रहे और हर चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी वादे करती रही और भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया। अगर 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार दोबारा बनी होती तो मैं विश्वास से कहता हूं कि हमारे जवानों का वन रैंक वन पेंशन का मामला कब का सुलझ गया होता।
उन्होंने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे वाले देश में पाकिस्तानी सैनिक हमारे एक जवान का सिर काट ले गये। उसके ठीक बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को हमारे प्रधानमंत्री ने चिकन बिरयानी की दावत दी। क्या उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से नहीं कहा जा सकता था कि यह समय नहीं है हिन्दुस्तान आने का.. बाद में तय करेंगे... लेकिन यह कहने की भी हिम्मत दिल्ली की सरकार में नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 29, 2014, 13:56