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मूवी रिव्‍यू: मसाला और एक्‍शन से भरपूर है रणबीर की `बेशरम`

Last Updated: Wednesday, October 2, 2013, 22:16

जैसा कि फिल्म का टाइटल है बेशरम, इसमें ही बहुत कुछ छिपा है। इससे साफ संकेत मिलता है कि यह एक मसाला फिल्‍म होगी। वाकई में यह एक कॉमेडी मसाला और रोमांटिक एक्‍शन का सम्मिश्रण है।

फिल्‍म समीक्षा: वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा

Last Updated: Friday, August 16, 2013, 00:30

फिल्‍म वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा तो पिछले काफी समय से सुर्खियों में थी। इसकी रिलीज के साथ ही इस सीक्‍वल फिल्‍म को लेकर सारा रहस्‍य खत्‍म हो गया। इस फिल्म की खासियत यह है कि कोई भी किरदार सीधे मुंह बात नहीं करता है। ‘वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’ ऐसी फिल्म है जो सिर्फ अपने संवादों के दम पर चलेगी। इसमें डॉयलांग का बेहतर सामंजस्‍य है।

फिल्म समीक्षा: पर्दे पर उतरा पूनम का 'नशा'

Last Updated: Saturday, July 27, 2013, 10:20

पूनम पांडे की फिल्म `नशा` रिलीज हो गई। लेकिन फिल्म देखने के बाद यह तय कर पाना मुश्किल है कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है जिसे देखकर आपको नशा हो।

फिल्‍म लुटेरा समीक्षा: लीक से हटकर है मोहब्बत और लूट की कहानी

Last Updated: Friday, July 5, 2013, 21:02

लुटेरा एक ऐसी फिल्‍म है, जिसका कथानक थोड़ा हटकर है। इसमें रोचकता इतनी है कि यह देखने लायक फिल्म बन पड़ी है। हालांकि, फिल्म थोड़ा धीमा और लंबा है लेकिन यह दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब होगी।

फिल्म ‘फुकरे’ समीक्षा: कॉमेडी और अनिलिमिटेड मस्ती के रंग

Last Updated: Friday, June 14, 2013, 19:40

‘फुकरे’ एक फिल्म है बिंदास होने की, अल्हड़पन की और जवानी की मस्ती की। ये हल्की-फुल्की, मनोरंजक फिल्म है जिसमें चार युवा मुसीबत में फंस जाते हैं लेकिन फिर भी ये मजेदार लगती है।

गो गोवा गॉन (मूवी रिव्‍यू): एंटरटेनिंग है जोम्‍बीज का नया कांसेप्‍ट

Last Updated: Friday, May 10, 2013, 14:30

जोम्बीज और कॉमेडी के मिश्रण से तैयार फिल्म गो गोवा गॉन का कान्‍सेप्‍ट अभी भारतीय सिनेमा के लिए नया है। बॉलीवुड में भूत, प्रेतात्‍मा और असमान्य घटनाओं पर बनी फिल्मों की अब तक भरमार रही है। पर्दे से कुछ दिन गायब रहने के बाद अब सुपरनैचुरल और हॉरर जोनर से वापसी की है।

‘शूटआउट एट वडाला’ रिव्यू: एक्शन और मनोरंजन का फुल डोज मसाला

Last Updated: Friday, May 3, 2013, 16:54

बॉलीवुड में गैंगस्टर्स, अंडरवर्ल्ड पर आधारित फिल्में बनती रही है।

`चश्मे बद्दूर` (review) : हंसी के फुहार से सराबोर है फिल्म

Last Updated: Saturday, April 6, 2013, 14:21

अभिनेता फारूख शेख और दीप्ति नवल की लव स्टोरी वाली चश्मे बद्दूर 1980 में रिलीज हुई थी । निर्देशक डेविड धवन ने भी इसी दौर में रिलीज हुई सई परांजपे की फिल्म के सीक्वल को रिलीज किया।

`साहब, बीवी और गैंगस्टर रिट‌र्न्स` रिव्‍यू: बदले की भावना से भरपूर

Last Updated: Friday, March 8, 2013, 16:40

फिल्म `साहब बीवी और गैंगस्टर रिट‌र्न्स` रुपहले पर्दे पर आ गइ है। इस फिल्‍म का निर्देशन तिग्मांशु धूलिया ने किया है। इस फिल्‍म की रिलीज को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता थी। इस फिल्‍म के पहले भाग को देखने के बाद लोगों को यह आशा थी कि दूसरे भाग में कुछ नया और रोमांच देखने को मिलेगा।

रोमांस के पैरामीटर पर `मर्डर-3` खरी नहीं उतरी

Last Updated: Monday, February 18, 2013, 08:10

फिल्म मर्डर-3 की कहानी विदेशी फिल्म से उड़ाई गई मालूम होती है। यह फिल्म स्पेनिश थ्रिलर फिल्म ‘हिडन फेस’ से मिलती-जुलती है।

‘ABCD’ फिल्म समीक्षा : एक्टिंग नहीं, कोरियोग्राफी है फिल्म की खासियत

Last Updated: Saturday, February 9, 2013, 00:50

बॉलीवुड में आने वाले समय में यदि ‘डांस आइकन’ की बात चली तो कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा का नाम उनकी फिल्म ‘एनी बडी कैन डांस’ (एबीसीडी) के लिए सामने आएगा। रेमो की यह फिल्म अपनी कहानी और अभिनय के लिए नहीं बल्कि अद्भुत एवं शानदार डांस के लिए याद की जाएगी।

फिल्म रिव्यू: जासूसी, एक्शन के विविध रंगों से सराबोर है `विश्वरूपम`

Last Updated: Monday, February 4, 2013, 07:56

विवादों से भरी कमल हासन की फिल्म `विश्वरूपम` शुक्रवार को रिलीज हो गई।

फिल्म समीक्षा: `रेस-2`में इस बार रफ्तार और रोमांच का है फीका रंग

Last Updated: Saturday, January 26, 2013, 00:44

अब्बास मस्तान अपनी फिल्मों में रफ्तार और रोमांच के लिए जाने जाते हैं जिनकी फिल्में बड़ी तेजी से भागती है।

फिल्म समीक्षा: 'खिलाड़ी 786' में कॉमेडी और एक्शन का बेजोड़ तड़का

Last Updated: Saturday, December 8, 2012, 16:21

बॉलीवुड के खिलाड़ी के यानी अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म खिलाड़ी 786 के जरिए एक बार फिर यह बात साबित की है कि एक्शन और कॉमेडी के मामले में उनका सानी कोई नहीं है।

`जब तक है जान` : रोमांस और दीवानगी का तानाबाना

Last Updated: Thursday, November 15, 2012, 17:20

फिल्म जब तक है जान के रिलीज के साथ एक दुखद बात जुड़ी है कि बॉलीवुड को रोमानियत के बेहतरीन कैनवस से रूबरू करानेवाले फिल्मकार यश चोपड़ा हमारे बीच नहीं है और यह उनकी अंतिम फिल्म है।

फिल्म समीक्षा: नक्सलवाद की जड़ों को गंभीरता से टटोलता है`चक्रव्यूह`

Last Updated: Thursday, October 25, 2012, 19:06

नक्सलवाद पर सरकार की नकेल पाने की सारी कोशिशें नाकाम रही है। नक्सलवाद का अबतक कोई सार्थक हल नहीं निकल पाया है। यह एक ऐसा चक्रव्यूह बन गया है जिसे भेदना मुश्किल हो हो गया है। इसी मुद्दे को लेकर प्रकाश झा ने चक्रव्यूह फिल्म बनाई है।