ओडिशा: नवीन पटनायक ने मोदी लहर में भी अपने राज्य में शासन सुरक्षित रखा

ओडिशा: नवीन पटनायक ने मोदी लहर में भी अपने राज्य में शासन सुरक्षित रखाभुवनेश्वर : नरेन्द्र मोदी और सत्ता विरोधी लहर से अछूते नवीन पटनायक नीत बीजू जनता दल (बीजद) ने ओड़िशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में 117 सीटें अपने नाम कर लीं जबकि इसकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और भाजपा क्रमश: 16 और 10 सीटें पाने में कामयाब रही। वहीं, मौजूदा विधानसभा में बीजद के 103, कांग्रेस के 27 और भाजपा के छह सदस्य हैं। 2009 के चुनाव में राकांपा को चार सीटें मिली थी, भाकपा को एक सीट मिली थी जबकि छह सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली थी।

सभी चुनाव सर्वेक्षणों को गलत साबित करते हुए राज्य की सत्तारूढ़ बीजद ने 2000 से सत्ता में रहने के बावजूद पिछली बार के मुकाबले 14 और सीटें हासिल की जबकि कांग्रेस को 11 सीटों का नुकसान हुआ है भाजपा को सिर्फ चार सीटों का फायदा हुआ है। 2014 के चुनाव नतीजों से यह जाहिर होता है कि बीजद साल दर साल अपनी सीटों में बढ़ोतरी कर रही है। इसे 2009 में 103 सीटें मिली थी, 2014 में यह बढ़कर 117 हो गई। वर्ष 2000 और 2004 में इसके पास 68 और 61 सीटें थी। उस वक्त भाजपा के साथ उसका गठजोड़ था।

वहीं, लोकसभा में बीजद की सीटें 1998 में नौ सीटों से बढ़कर 1999 में 10 और 2004 में 12 तथा 2009 में 14 हो गई। अब नवीन नीत पार्टी ने राज्य की 21 संसदीय सीटों में 20 सीटें हासिल की है। पटनायक लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। उन्होंने गंजम जिले के हिंजिली विधानसभा सीट पर अपना वोट प्रतिशत भी बढ़ाया है जहां से वह वर्ष 2000 से चुने जा रहे हैं। पटनायक को 2009 में 72, 942 वोटों के अंतर से जीते थे और इस बार यह बढ़कर 76,586 वोट हो गया। केंद्रपाड़ा के सांसद बैजयंत पांडा ने कहा है कि 2014 के चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि ओड़िशा के लोग राज्य में पटनायक को मजबूत करना चाहते हैं।

मोदी लहर का फायदा राज्य में नहीं मिलने से आश्चर्यचकित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केवी सिंह देव ने कहा, हम यह समझने में नाकाम रहे हैं कि मोदी लहर ओड़िशा में वोटों में तब्दील क्यों नहीं हो पाई। बीजद खेमे में खुशी और गम का माहौल है क्योंकि तीन मंत्री प्रसन्न आचार्य (वित्त), रबी नारायण नंदा (स्कूल एवं जन शिक्षा) और प्रताप केशरी देब (खाद्य एवं आपूर्ति) चुनाव हार गए हैं।

हारने वाले अन्य दिग्गज नेताओं में ओड़िशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जयदेव जेना, कांग्रेस मुख्य सचेतक प्रसाद हरिचरण, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लालतेंदू विद्याधर महापात्र, भाजपा विधायक दल के नेता जेएन मिश्रा और पार्टी के वरिष्ठ नेता बिजय महापात्र शामिल हैं। इस विधानसभा चुनाव में ओड़िशा विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप अमत भी जीत गए जबकि इससे पहले प्रदेश विधानसभा का कोई भी स्पीकर अपने पद पर रहते हुए चुनाव नहीं जीत पाया था नव गठित समता क्रांति दल को एक सीट मिली जो राज्य में पहली बार चुनाव लड़ रहा था। पार्टी से जार्ज तिर्की ने बीरमित्रपुर सीट पर जीत हासिल की।


(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 17, 2014, 20:26
First Published: Saturday, May 17, 2014, 20:26
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