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जिंदगी लीलती खूनी सड़कें

जिंदगी लीलती खूनी सड़कें

Last Updated: Wednesday, June 4, 2014, 20:49

चंद महीने पहले चेतावनी भरा एक बोर्ड दिल्ली की दौड़ती-भागती सड़कों पर दिखा, जिसपर लिखा था - स्पीड थ्रिल्स बट किल्स। यह बात सभी जानते हैं कि किसी भी वाहन की तेज रफ्तार मौत की तरफ ले जाती है। लेकिन राजधानी दिल्ली में जब यह वाकया किसी बड़े सियासतदान के साथ हो तो सवाल उठने लगते है। इस मसले पर चर्चा शुरू हो जाती है।

किन्नरों की आजादी और खुशहाली का दिन

Last Updated: Tuesday, April 15, 2014, 16:08

चंद महीने पहले राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंटआबू में किन्नर सदभावना सम्मेलन का आयोजन किया गया था । इसमें देश के सभी राज्यों से किन्नर प्रमुख और उनके पदाधिकारी आए थे।

अपराजेय बनकर लय में लौटी टीम इंडिया

Last Updated: Monday, March 31, 2014, 18:02

समर्पण, जोश और निरंतरता। भारतीय क्रिकेट टीम इन तीन शब्दों के संगम के रूप में इन दिनों क्रिकेट की गंगा बनकर प्रवाहित हो रही है।

राजनीति की 'गंदी बात'

Last Updated: Tuesday, March 4, 2014, 10:38

सियासतदानों के सुर अब बेसुरे हो गए हैं।

शिव की नगरी में हर-हर गंगे

Last Updated: Wednesday, February 26, 2014, 09:25

जानेमाने अमेरीकी लेखक मार्क ट्वेन ने लिखा है- बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से भी पुराना है, किंवदंतियों से भी प्राचीन है, और इन सबको इकटट्ठा कर दें तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है। यह देश के उन चुनिंदा शहरों में शुमार होता है जहां पौराणिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत कुदरत के अनमोल धरोहरों के बीच सदियों से पुष्पित-पल्लवित हो रहे हैं।

खतरे में संसद की गरिमा

Last Updated: Thursday, February 13, 2014, 17:04

भारतीय राजनीति के सबसे बड़े प्रतीक संसद से दो शब्दों का गहरा नाता है। शुचिता और गरिमा। इन दोनों शब्दों के अर्थ व्यापक है जिनका भाव यहीं है कि पवित्रता बनी रही, परंपरा दूषित ना हो, मर्यादा का उल्लंघन ना हो। लेकिन 13 फरवरी का दिन संसद के लिए काला इतिहास बनकर आया जहां इन दोनों शब्दों के व्यापक भावार्थ की धज्जियां उड़ती दिखी।

सलमान की 'जय' में 'विजय'

Last Updated: Thursday, January 30, 2014, 15:08

सलमान खान की फिल्म 'जय हो' रिलीज हुई। फिल्म ने हालांकि अबतक 100 करोड़ कुल मिलाकर कमा लिए हैं लेकिन फिल्मी दुनिया के आलोचक फिल्म को कामयाब नहीं बता रहे हैं

सौंदर्य और अभिनय की 'आंधी' थी सुचित्रा

Last Updated: Friday, January 17, 2014, 11:57

सहजता, सादगी का बेमिसाल मिश्रण...। सौंदर्य की अपठित रुपरेखा और भावनाओं की उन लकीरों में ऐसा सम्मोहन जो टकटकी बांधकर देखने और सुनने को विवश करता था।

सलामत रहे आशियाना हमारा

Last Updated: Tuesday, December 31, 2013, 15:28

एक शख्स की जिंदगी में उसका आशियाना सबसे बड़ा होता है। एक घर से ढेरों यादें जुड़ी होती है जिसकी गवाह कई पीढ़ियां बनती है। एक छत की दरकार सबको होती है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा।

छत्तीसगढ़ में नहीं चला मोदी का जादू

Last Updated: Sunday, December 8, 2013, 17:46

इस बार के चुनाव से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि रमन सिंह सरकार के फैसले उनपर भारी पड़ सकते हैं। इस बात को नकारा तो नहीं जा सकता लेकिन चुनाव परिणाम से यह भी पता चलता है कि रमन सिंह सरकार बचाने में कामयाब जरूर हो गए हैं लेकिन जनता का बीजेपी से थोड़ा मोहभंग होना शुरू हो गया है।

नन्हें गाइड की पीड़ा कौन सुनेगा

Last Updated: Thursday, November 14, 2013, 12:18

बाल दिवस। 14 नवंबर को हर साल मनाया जाने वाला वो दिन जब हम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को याद करते हैं। यह दिन इस बात का भी प्रतीक माना जाता हैं कि चाचा नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और वह चाहते थे कि देश का हर बच्चा और युवा अपने बेहतर भविष्य के लिए जोशो-खरोश से भरपूर हो