Last Updated: Monday, February 6, 2012, 07:33
अब समय करार जारी रखने या मनाने का नहीं है क्योंकि कुछ मामलों में यह करार टूटना हितकर है। बीसीसीआई जैसी संस्था को अब टीम इंडिया की जर्सी पर लोगो लगाने के लिए किसी तरह के ‘सहारा’ की जरूरत नहीं। कई नामी कंपनियां कतार में खड़ी मिलेंगी। वहीं सहारा दूसरे खेलों में भी पैसा लगा सकेगा।