Last Updated: Tuesday, December 25, 2012, 14:56
अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटने के बावजूद इस साल 2012 में भारतीय कंपनियों द्वारा घोषित विलय एवं अधिग्रहण सौदों का आंकड़ा 2,000 अरब रुपए के आंकड़े को पार कर गया। सरकार द्वारा हाल में उठाए गए सुधारात्मक कदमों विशेष रूप से विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाए जाने के बाद नए साल पर विलय एवं अधिग्रहण सौदों में तेजी का सिलसिला बना रहेगा।