Last Updated: Friday, January 3, 2014, 13:18
विश्वासमत की कसौटी पर खरे उतरने के बाद अरविन्द केजरीवाल और उनकी टीम भले ही सुकून की सांस ले रही हो लेकिन उनके लिए असली इम्तिहान की घड़ी अब शुरू हुई है। देश की राजनीति में जिस बदलाव की लड़ाई केजरीवाल साहब लड़ने निकले हैं, उसमें अब विधानसभा के भीतर की मर्यादाएं भी हैं और राजनीति के वही पुराने दांव पेंच भी।