Last Updated: Tuesday, July 30, 2013, 14:18
कभी रेलवे स्टेशन से, कभी स्कूल के बाहर तो कभी घर के सामने खेल के मैदान में, जगह चाहे भीड़भाड़ भरी हो या फिर सुनसान, बच्चे कभी भी, कहीं भी गायब हो जाते हैं। वो भले ही 8-10 साल के हों या फिर नवजात, उनपर खतरे का साया हर पल मंडराता रहता है। देश में हर साल क़रीब 60 हजार बच्चे गायब होते हैं और इनमें से 40 फीसदी बच्चों का कोई नामोनिशान नहीं मिल पाता।