Last Updated: Sunday, April 13, 2014, 22:10
जैसे-जैसे चुनावों का समय आता है नेता अपने चुनावी फायदे के लिए घृणित एवं उन्मादी भाषणों का सहारा लेने लगते हैं। वे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने से नहीं चूकते। इससे नेताओं का तो कुछ नहीं बिगड़ता लेकिन समाज की समरसता, सौहार्द एवं शांति भंग होती है।